केन्‍द्रीय आयुर्वेदीय श्‍वसन विकार अनुसंधान संस्‍थान, पटियाला

संक्षिप्त परिचय:   

            केन्द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सी.सी.आर.ए.एस) आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन इस संस्थान की स्थापना 1971 में की गई है। संस्थान के पास 3.26 एकड़ भूमि है। जिसमें तीन मंजिल इमारत के साथ फार्मेसी भवन व वनौषधि वाटिका है। यह भवन व भूमि पंजाब सरकार द्वारा परिषद को आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान तथा उच्च शिक्षा संबंधी अपने कार्यों को जारी रखने के लिए 1971 में परिषद को सौंपी गई थी।

            संस्थान में जी.एम.पी. मानकों के अनुसार फार्मेसी, प्रमुख उपकरणों के साथ सुसज्जित योगों की शेल्फ जीवन के अध्ययन के लिए, रसायन प्रोयोगशाला में आयुर्वेदिक औषधियों के भौतिकी रसायन परीक्षण के लिए तथा फार्मास्युटिकल प्रोयोगशाला विभिन्न मानदंडों पर औषधि की पहचान व प्रामाणिकता के लिए फार्माकोग्नोसी प्रोयोगशाला की व्यवस्था है। विभिन्न अवसरों पर प्रदर्शन के लिए वनौषधि वाटिका में 100 से भी अधिक औषध पादप, हर्बेरियम/म्यूजियम/संग्रहालय तथा वनौषधि वाटिका की सुव्यवस्था की गयी है।संस्थान में सामान्य ओपीडी, और वृद्धावस्था और फ्लू जैसे रोगों के लिए विशेष ओपीडी भी चल रहे हैं।150 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था हेतु संस्थान में एक वातानुकूलित सम्मेलन कक्ष है।

अधिदेश:

            श्वसन विकार पर भेषजीय अनुसंधान एवं नैदानिक अनुसंधान का ध्यान केन्द्रित करना।  

अन्य गतिविधियाँ:-

·       बहिरंग विभाग द्वारा स्वस्थ्य रक्षा सेवाएँ

·       अंतरंग विभाग सुविधाएं (25 बिस्तर)

·       वृद्धों के लिए विशेष ओपीडी

·       स्वस्थ्य रक्षा कार्यक्रम इत्यादि जैसी बाहरी गतिविधियाँ

·       पंचकर्म

·       क्षारसूत्र

उपलब्धियाँ:-

1.   नैदानिक अनुसंधान:-

                      संस्थान द्वारा विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के अंतर्गत आमवात, तमक श्वास, पक्षाघात, मधुमेह, श्वित्र, श्वेत प्रदर, सुरमा की विषाक्ता, अम्लपित, शल्य चिकित्सा  में आयुर्वेदिक औषधियों का महत्व, पौरुष ग्रंथि शोथ, लकोरिया, मूत्र परीक्षा, मेदोरोग, कृमि रोग, त्वक रोग, मलेरिया, ऐपिलेसी, रक्त अर्श, कष्टार्तव, कामला, ब्यान बल वैषम्य, नान स्पेसिफिक म्यूकस कोलाइटस, व्रण, शूल, रक्त प्रदर, हृशूला, रसायन/मेध्य रसायन, मूत्राश्मरी, किटिभ, मनोद्वेग पर अध्ययन किया गया।

                      आईएमआर परियोजना व वार्षिक कार्य योजना के अंतर्गत आयरन डैफीशेंसी अनिमिया (आई.डी.ए) की व्यवस्था में पूनर्नवा मंडूर व दाड़िमादि घृत का क्लीनिकल मूल्यांकन, डिस्लिपीडीमिया (डी.एल.डी) की व्यवस्था में व्योषादि गुग्गुलु तथा हरीतकी चूर्ण का क्लीनिकल मूल्यांकन, इरीटेबल बाउल सिंड्रोम (आई.बी.एस) की व्यवस्था में बिलवादि लेह का क्लीनिकल मूल्यांकन, पालिसिस्टिक औवरी सिंड्रोम (पी.सी.ओ.एस) की व्यवस्था में रज: प्रवर्तनी वटी, कांचनार गुग्गुलु तथा वरुणादि कषाय का क्लीनिकल मूल्यांकन, वातरक्त (गाउट) की व्यवस्था में अमृत गुग्गुलु तथा पिण्ड तैल का अध्ययन, आयरन डेफ़िशेंसी अनिमिया की व्यवस्था में नवायस चूर्ण का क्लीनिकल मूल्यांकन तथा इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की व्यवस्था में कुटजारिष्ट का क्लीनिकल मूल्यांकन आदि विषयों पर अध्ययन किया गया।

2.   चल रही अनुसंधान परियोजनाएं:-

          आई.एम.आर. परियोजना के अंतर्गत शेल्फ लाइफ स्टडि ऑफ वटी, शेल्फ लाइफ स्टडि ऑफ चूर्ण, शेल्फ लाइफ स्टडि ऑफ घृत, शेल्फ लाइफ स्टडि ऑफ तैल तथा डिवैलपमैंट ऑफ फार्माकोपियल स्टेंडर्ड्स ऑफ ट्रैडीशनली यूजड आयुर्वेदिक फार्मूलेशन पर कार्य चल रहें है।

          वार्षिक कार्य योजना 2014-15 के अंतर्गत भारतीय आयुर्वेदिक फार्माकोपियल में वर्णित पादपों के अतिरिक्त भारतीय आयुर्वेदीय योग संग्रह में वर्णित औषधीय पादपों का फार्माकोग्नोस्टिकल मूल्यांकन पर भी कार्य चल रहा है।

          बाह्य गतिविधियां जैसे स्वस्थ्य रक्षण कार्यक्रम तथा एस.सी.एस.पी. परियोजना के अंतर्गत आयुर्वेदा मोबाइल हेल्थ केयर कार्यक्रम चल रहें है।

3.   सेमिनार/कार्यशाला/आरओटीपी:-

           संस्थान द्वार दिनांक 24.01.2009 को "क्वालिटी कंट्रोल ऑफ ए.एस.यू ड्रग विद फार्मा इंडस्ट्री" पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया तथा दिनांक 28.04.2009 को "इंटेलेक्च्युअल प्रापर्टी राइट्स-डे" पर सेमिनार का आयोजन किया गया। संस्थान द्वारा 15-20 फरवरी 2010 को रसशास्त्र एवं जी.एम.पी पर री-ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया तथा संस्थान द्वारा दिनांक 30.03.2010 को बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, फरीदकोट के आयुर्वेदिक क्लीनिकल अनुसंधान केन्द्र (परिषद के सेटेलाइट केन्द्र) में "इनोवेशन इन आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल रिसर्च" विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

4.   अनुसंधान प्रकाशन:-

          प्रारम्भ से अब तक 150 अंनुसंधान पत्रक (पेपर) विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किए गए।

5.   मोनोग्राफ का कार्य:-  संस्थान द्वारा 03 क्लीनिकल अनुसंधान मोनोग्राफ (तमक श्वास, किटिभ तथा मेदोरोग) तैयार किए गए। 10 व्यापक तकनीकी दस्तावेज (Comprehensive Technical Dossier) मोनोग्राफ बनाए गए।

6.   संस्थान को 'ख' क्षेत्र में हिन्दी में श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है।

संपर्क विवरण

प्रभारी का नाम     

:

डॉ. संजीव कुमार, (सहायक निदेशक प्रभारी)

पता

:

मोती बाग रोड, पटियाला -147001

दूरभाष न.

:

0175-2306529 (सहायक निदेशक प्रभारी कक्ष)

0175-2223663 (फैक्स)

0175-2212393, 0175-2228361,

ईमेल     

:

niapr-patiala@gov.in, niapr.patiala@gmail.com