क्षेत्रीय आयुर्वेदीय मौलिक अनुसंधान संस्‍थान, पुणे

संस्‍थान के बारे में

            “क्षेत्रीय आयुर्वेदीय मौलिक अनुसंधान संस्थान” पुणे को विगत रूप से राष्‍ट्रीय आयुर्वेदीय मौलिक अनुसंधान संस्‍थान के रूप में जाना जाता है I यह संस्थान, केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद का एक प्रमुख अनुसंधान केन्‍द्र है जो आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संगठन है I यह संस्थान भारत सरकार द्वारा मई 1961 में औषधीय पौधों का सर्वेक्षण, संग्रह और आयुर्वेद में इस्तेमाल की जाने वाली औषधीय पौधों की खेती की दृष्टि से स्थापित किया गया था।

 

यह संस्‍थान प्रदर्शनात्मक उद्यान के विकास और इसे बनाए रखने के लिए स्‍थापित किया गया था तथा इसके उपरान्‍त औषधीय पौधों की प्रायोगिक खेती की शुरवात की गई । अनुसन्धान गतिविधियों को बढ़ाने के लिए मुख्‍यालय परिषद, नई दिल्‍ली द्वारा 1980 में भारतीय औषध अनुसन्धान एसोसिएशन, पुणे का भेषजविज्ञान अनुसंधान युनिट को संस्‍थान (क्षेआमौअसं) में विलय कर दिया गया और पादप उतक संवर्धन प्रयोगशाला की  सन 1990 में स्थापना की गई |

 

हाल ही में संस्थान द्वारा एक आणविक जीव विज्ञान प्रयोगशाला विकसित की है जो आयुर्वेद के सिद्धांतों और मौलिक शोध में हुए कार्य पर प्रकाश डालती है | इसके अलावा, संस्थान द्वारा पुस्तकालय, एक पादपालय और औषधीय पौधों  के आयुर्वेदिक महत्त्व को दर्शानेवाला एक संदर्भ संग्रहालय भी बनाया गया है |

 

अधिदेश :-

·       मौलिक आयुर्वेद सिद्धांत पर अनुसंधान

·       परखनलीय औषध विज्ञान परीक्षण

·       प्रोटियोमिक्स एवं मेटाबोलोमिक्‍स

 

अन्‍य गतिविधियां :-

·      औषधीय पादप प्रदर्शनात्‍मक उद्यान

·       भेषज गुण अभिज्ञानीय अनुसंधान

·       पादप ऊतक संजनन

·       आणविक जीव विज्ञान अनुसंधान

 

 

गतिविधियां :-

·       दशमूल के अंतर्गत बृह्रतपंचमूल के प्रजातियों (पेड़)  का उतक संवर्धन पर अध्ययन करना ।

·       आयुर्वेदिक फार्मूलरी ऑफ इंडिया में उद्धृत औषधीय पौधों का भेषजज्ञानी मूल्यांकन करना ।

·       इन विट्रो अॅन्‍टीडायबेटीक अॅक्‍टीवीटी ऑफ मायमोसा पुडीका रूट पावडर 

·       विभिन्‍न महाविद्यालयो एवं संस्‍थानो के शोधार्थियो को संस्‍थान के उद्यान मे स्थित आयुर्वेदीय औषधिय पौधों के बारे में जानकारी प्रदान करना|

 

 

अनुसंधान परियोजनाएं :-

·       स्टडीज ऑन डेवलपमेंट ऑफ अ‍ॅग्रो टेक्निक्स ऑफ टू इम्पॉर्टंट मेडिसिनल प्लांट्स  ऑफ लघु पंचमुल ।

·       सेलेक्शन ऑफ साल्ट टोलरंट सेल लाइन्स अ‍ॅन्ड रिजनरेशन ऑफ साल्ट टोलरंट प्लांटलेट्स ऑफ , पृष्णपर्णी (युरारिया पिक्टा (जाक.) डेस्व.) अ‍ॅन्ड शालपर्णी (डेस्मोडिअम गंगेटीकम (एल.) डीसी.)

·       आर.ए.पी.डी बेस डी.एन.ए. फिंगरप्रिंटिंग टू अंडरस्टँड जेनेटिक वेरिएशन्स अ‍ॅन्ड फायटोकेमिकल अ‍ॅनालेसिस ऑफ सिलेक्टेड मेडिसिनल प्लांट्स।

·       एक्सप्लोरेशन, एक्लिमॅटिझेशन अ‍ॅन्ड इन विट्रो प्रोपॅगेशन ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स बिइंग युज अंडर द नेम अग्निमंथा।

·       इन विट्रो असेसमेंट ऑफ अ‍ॅन्टीडायबेटिक आयुर्वेदीक फॉर्मुलेशन युजिंग बेस एशे।

·       टु इवॅल्युएट अ‍ॅन्ड एक्स्प्लोर द मेकॅनिजम ऑफ अ‍ॅक्शन ऑफ अ‍ॅन्टीकॅन्सर आयुर्वेदीक प्लांट्स युजिंग सेल बेस एसे।

उपलब्धियां :-  

·      संस्‍थान के उद्यान में  380 पौधों की  प्रजातियों (पेडों, झाड़ियों,  जड़ी बूटी, पर्वतारोहियों) उपलब्‍ध है, इनमें से  20 प्रजातियां दुर्लभ एवं लुप्तप्राय है।

·      आयुर्वेदिक 12 औषधीय पादप जैसे कुटज, शतावरी, ब्राह्मी, गंध प्रसारिणी, सारिवा, शालपर्णी, बनफ्सा, पाठा, श्‍यौनक, पृष्णपर्णी, मंजीष्‍ठ, ञिवृत्‍त के  इन विट्रो  प्रोटोकॉल विकसित किये गए है |  

·      अब तक भारत की आयुर्वेदिक फार्मोकोपिया ऑफ इंडिया के निर्देशों के अनुसार लगभग 450 कच्‍ची औषधियों का भेषजगुण विज्ञान का अध्‍ययन किया गया है |

·      सेल आधारित और जैव रासायनिक अध्‍ययन करने के लिए सुसज्जित इन विट्रो औषध विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की गई है।

·      महाराष्ट्र और गुजरात के विभिन्न स्थानों से एकत्र किए हुए 13,492 औषधीय पौधों को संदर्भ उद्देश्य के लिए पादपालय बनाया गया है।

·      संग्रहालय में आयुर्वेदीय कच्ची औषधीयों के 1285  नमूनों को रखा गया है |  

·      लगभग 117 शोध लेख विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित किए गए है।

·      संस्थान के पुस्तकालय में शोध से संबंधित औषधीय पौधों / आयुर्वेदिक दवाओं पर आधारित  1937 पुस्तकें और 16 नियमित रूप से सब्सक्राइब वैज्ञानिक पत्रिकाओं के साथ सुसज्ज है।

·      आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों पर आधारीत 8 भागों में (260 औषधीय पौधों) का डाटाबेस तैयार किया और प्रकाशित किया गया है।  इसके अलावा, 2 संस्‍करण (60 औषधीय पौधों) का प्रकाशन की प्रक्रिया में है |

·      विश्‍व स्वास्थ्‍य संगठन (WHO) प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम, मई 2010 में आयोजित किया गया।

·      दि. 28 जुलाई, 2009 को वृक्ष आयुर्वेद इस विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

·      राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (RAV) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित 3 पुनः अभिविन्यास प्रशिक्षण कार्यक्रम (ROTPs) 2008 और 2010 के दौरान आयोजित किए गए।

 

संपर्क विवरण :-

क्षेत्रीय आयुर्वेदीय मौलिक अनुसंधान संस्थान,  

नेहरू गार्डन, कोथरूड, पुणे- 411038

(केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान  परिषद, नई दिल्ली के अधीन एकक,  आयुष मंञालय)

सीमा चिन्हः- गांधी भवन के पास, कमिंस फैक्टरी के पीछे

फोन: 91-20-25383138, 25380326 फैक्स: 91-20-25386715

ईमेल: nribas-pune@gov.in वेबसाईटः www.rria.nic.in